More
    HomeNationalलोकसभा चुनाव में महिला सशक्तीकरण का दिखेगा असर, राजनीति की धुरी बन...

    लोकसभा चुनाव में महिला सशक्तीकरण का दिखेगा असर, राजनीति की धुरी बन इलेक्शन पर असर डालेंगी ये महिलाएं

    देश की राजनीति लंबे समय तक यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के इर्द-गिर्द घूमी है इस बार वह चुनावी मैदान में नहीं होंगी लेकिन नेता के तौर पर उनकी भूमिका रहेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के चुनाव लड़ने का अभी निर्णय नहीं हुआ है। बसपा प्रमुख मायावती चुनाव नहीं लड़ेंगी। वह विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में भी शामिल नहीं हैं लेकिन देश की सबसे प्रभावशाली दलित नेता मानी जाती हैं।

    राजनीति में महिला सशक्तीकरण का प्रतीक बनने की कहानी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से शुरू होती है। कालांतर में इस कहानी में कई किरदार जुड़ते गए, जिन्होंने अपनी छाप छोड़ी और सिलसिला जारी है। इस बार सिर्फ मतदाता के रूप में ही महिलाएं बड़ी भूमिका नहीं निभाएंगी। बल्कि अपने राजनीतिक कौशल से भी वह चुनाव पर असर डालती दिखाई देंगी।

    देश की राजनीति लंबे समय तक यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के इर्द-गिर्द घूमी है इस बार वह चुनावी मैदान में नहीं होंगी, लेकिन नेता के तौर पर उनकी भूमिका रहेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के चुनाव लड़ने का अभी निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन वित्त मंत्री के रूप में वह मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों का चेहरा हैं।

    बसपा प्रमुख मायावती चुनाव नहीं लड़ेंगी। वह विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में भी शामिल नहीं हैं, लेकिन देश की सबसे प्रभावशाली दलित नेता मानी जाती हैं। इनके अलावा किन महिला नेताओं पर क्यों होगी नजर?

    • स्मृति इरानी: तख्ता पलट का प्रतीक

    अभिनय से राजनीति में आई स्मृति इरानी तब सशक्त महिला नेता के रूप में पहचानी जाने लगी, जब 2019 के लोस चुनाव में कांग्रेस के अभेद्य किले अमेठी में उन्होंने राहुल गांधी को परास्त कर दिया। उन्हें भाजपा ने फिर अमेठी से ही प्रत्याशी बनाया है। स्मृति लगातार राहुल को ललकार रही हैं और इस सीट से कांग्रेस की आन-बान-शान जुडी हुई है।

    • माधवी लता: चुनौती का नया चेहरा

    डा. माधवी लता का नाम तब से चर्चा में है, जब से भाजपा ने उन्हें हैदराबाद से असदुद्दीन ओवैसी के विरुद्ध प्रत्याशी बनाया है। यहां चार दशक से ओवैसी परिवार का

    कब्जा है। माधवी मुखर हिंदूवादी होने के साथ शिक्षा – स्वास्थ्य के क्षेत्र मे समाजसेवा से अपनी पहचान बना चुकी हैं।

    • एनी राजा: दिग्गज के दंगल में

    सीपीआइ महासचिव डी. राजा की पत्नी एनी राजा को पार्टी ने केरल की वायनाड सीट से उतारा है। वर्तमान सांसद राहुल गांधी के लिए एनी से मुकाबला आसान नहीं होगा। सीपीआइ की छात्र व युवा इकाई में सक्रिय रही एनी अभी में आल इंडिया वूमेन फेडरेशन की महासचिव हैं।

    • ममता बनर्जी: हनक की सियासत

    बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का लोकसभा चुनाव के मैदान खुद उतरना भले ही अभी तय नहीं है, पर विपक्षी राजनेताओ में वह प्रमुख चेहरा हैं। बंगाल से वामपंथी सरकार को उखाड़ सत्ता हासिल करने वाली ममता की पहचान हनक के साथ राजनीति करने वाली उन विपक्षी नेताओं में शामिल है, जो भाजपा से अकेले लड़ने का माद्दा दिखाती हैं।

    Must Read

    spot_imgspot_imgspot_imgspot_img