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    रतलाम की प्रसिद्ध श्री कालिका माता के दुनिया भर में हो सकेंगे दर्शन, क्यूआर कोड और मोबाइल एप के माध्यम से कर सकेंगे आराधना ।

    देश-विदेश में रहने वाले भक्तों को नवरात्रि में रतलाम की प्रसिद्ध श्री कालिका माता के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था भी की गई है। दर्शन क्यूआर कोड स्कैन कर और वाट्सएप मैसेज से रिक्वेस्ट भेज कर कर सकते हैं।

    रतलाम । स्वर्ण नगरी रतलाम में विराजित श्री कालिका माता के दर्शन भक्त दुनिया में कहीं से भी कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपने मोबाइल फोन से सिर्फ एक क्यूआर (QR) कोड स्कैन करना होगा। इसके अलावा भक्त वाड्सएप के माध्यम से भी शक्ति की आराधना कर सकेंगे। शक्ति आराधना के पर्व नवरात्रि पर देश-विदेश में रहने वाले श्री कालिका माता के भक्तों को उनके दर्शनलाभ करने के लिए शहर के वाघेला परिवार ने उल्लेखनीय पहल की है। परिवार के दिनेश वाघेला ने बताया कि एक व्हाट्सएप ग्रुप और एक ऐप बनाया गया है। इसके अलावा एक क्यूआर कोड भी तैयार किया गया है। इनके माध्यम से नवरात्रि के दौरान भक्त दुनिया में कहीं से भी माता के दर्शन कर सकेंगे।

    करना होगा बारकोड स्कैन

    इसके लिए उन्हें केवल एक बारकोड स्कैन करने करना होगा।इससे वे नवरात्रि वाले वाट्सएप ग्रुप से जुड़ जाएंगे। इस तरह वे पूरे नौ दिन तक रोज रतलाम में विराजित श्री कालिका माता के ब्रह्म मुहूर्त के, माता के चरणों के दर्शन व इस दौरान रोज सुबह होने वाली आरती देख सकेंगे। प्रतिदिन का श्रृंगार, मंदिर की साज-सज्जा, गरबा पंडाल, बालिकाओं का गरबा आदि भी देखाजा सकेगा।

    इस नंबर पर रिक्वेस्ट भी भेज सकते हैं

    समाजसेवी दिनेश वाघेला ने बताया कि भक्तों को मोबाइल नंबर 9425104905 पर व्हाट्सएप द्वारा ‘जय माताजी’ लिखकर रिक्वेस्ट भेजना होगी। ऐसा करते ही वे नवरात्रि उत्सव ग्रुप से जुड़ जाएंगे। श्री कालिका माता के ऑनलाइन दर्शन की यह सुविधा वाघेला परिवार द्वारा की गई है। परिवार ने सभी भक्तों से इस सुविधा के माध्यम से धर्मलाभ लेने की अपील की गई है।

    आर्टिफिशियल फूलों से भी आएगी सुगंध

    नवरात्रि के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष की तरह वाघेला परिवार द्वारा श्री कालिका माता मंदिर के गर्भ गृह की सुंदर सजावट भी की जा रही है। सजावट आर्टिफिशियल फूलों से की गई है जो प्रतिपदा से पूर्णिमा तिथि तक रहेगी। वाघेला ने बताया कि सजावट के उपयोग होने वाले आर्टिफिशियल फूलों पर रोज अलग-अलग खुशबू का स्प्रे भी किया जाए जिससे वे वहां आने वाले श्रद्धालुओं को सुगंधित वातावरण मिलेगा। सप्तमी, अष्टमी व नवमी को मंदिर परिसर को असली ताजे फूलों से भी सजाया जाएगा।

    ई खबर मीडिया के लिए यशवर्धन परिहार  की रिपोर्ट 

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