हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच राम रहीम के पैरोल को मंजूरी मिलने को लेकर विरोध हो रहा है। जिसके लिए कांग्रेस ने AICC के माध्यम से ईसीआई को पत्र लिखा है।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को मतदान से पहले डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमित राम रहीम के पैरोल को मंजूरी मिल गई। इसके बाद उनके पैरोल को लेकर विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर आपत्ति जताते हुए भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को लेटर लिखा है। उन्होंने अपने लेटर में कहा कि राम रहीम जेल से बाहर आया तो विधानसभा चुनाव को प्रभावित हो सकता है, इसलिए उसे आचार संहिता के दौरान पैरोल न दी जाए।
जानकारी के अनुसार, यह लेटर आल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के लीगल सेल के केसी भाटिया की ओर से लिखी गई है। उन्होंने इस पत्र में लिखा कि हरियाणा में राम रहीम का मास बेस है। इसके चलते हरियाणा विधानसभा चुनाव को डेरा प्रमुख प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि इससे पहले भी डेरा प्रमुख जेल से पैरोल और फरलो के माध्यम से बाहर आकर चुनावों को प्रभावित कर चुके हैं।
दरअसल, हर बार चुनाव के दौरान जेल से बाहर आने के कारण राम रहीम को इस बार शर्त के साथ पैरोल की अनुमति दी गई है। कहा गया है कि वह वोटिंग तक हरियाणा में नहीं जा सकते है । इसके साथ ही राम रहीम पर किसी तरह विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने, कोई जनसभा करने और सोशल मीडिया के जरिए किसी तरह की अपील करने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर वह इन सभी शर्तों की अवहेलना करते हैं, तो राम रहीम की पैरोल को तुरंत रद्द कर उसे वापस जेल भेज दिया जाएगा। वहीं, इन शर्तों के साथ राम रहीम आज, 1 अक्टूबर रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आ सकते हैं।
बता दें कि रोहतक की सुनारिया जेल में रेप और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा प्रमुख राम रहीम पिछली बार 13 अगस्त को 21 दिनों की फरलो पर बाहर आए थे। इसके बाद 5 सितंबर को उनकी पैरोल समाप्त हो गई थी और वह सुनारिया जेल लौट गए थे। वहीं, इस बार उन्हें 20 दिनों का पैरोल मिली है।