गरबा पंडाल में गैर-हिंदुओं की एंट्री को कैसे रोका जाए, इसपर लेकर हर साल विवाद देखने को मिलता है। ऐसे में इंदौर भाजपा के जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा ने नवरात्रि पर्व पर आयोजित होने वाले गरबा महोत्सव में गैर हिंदुओं के प्रवेश को रोकने को लेकर कहा कि गरबा पंडाल में आने वाले हर व्यक्ति को गौमूत्र पिलाया जाए। जब मामले ने तूल पकड़ा तो भाजपा के जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा ने अब सफाई दी है। चिंटू वर्मा ने गौमूत्र को लेकर दिए अपने बयान पर कहा कि यह बयान पवित्र भाव और भावना से व्यक्त की गई थी। कांग्रेस ने इस राजनीतिक विवाद का रुप दिया। बयान का अर्थ गरबा पंडाल में गौमूत्र की अनिवार्यता से नहीं था। व्यक्तिगत विचार पर विवाद नहीं होना चाहिए।
गौमूत्र विवाद ने पकड़ा तूल, तो भाजपा नेता ने दी सफाई
उन्होंने कहा, ये मेरे विचार हैं, मेरी आस्था है, जिसे मैंने व्यक्ति किया। बता दें कि चिंटू वर्मा ने कहा था कि गरबा पंडाल में गौमूत्र पिलाकर ही प्रवेश दिया जाए। इससे आयोजनों में केवल हिंदू लोग ही प्रवेश करेंगे। बता दें चिंटू वर्मा ने अपने बयान में आगे कहा था कि गौमूत्र पिलाने से यह पता चल जाएगा कि आखिर कौन हिंदू है और कौन गैर हिंदू है। उन्होंने कहा था कि इस तरीके से साफ भी मर जाएगी और लाठी भी नहीं टूटेगी। चिंटू वर्मा ने अपने बयान में कहा था कि जो भी व्यक्ति हंदू होगा, उसे गौमूत्र पीने में कोई आपत्ति नहीं होगी। यह तरीका वहां भी कामयाब है, जहां व्यक्तियों के आधार कार्ड से पहचान करने में चूक हो जाती है।
क्या था बयान?
उन्होंने कहा कि आधार कार्ड को एडिट भी किया जा सकता है। गैर हिंदू युवक गरबा में आने के लिए तिलक भी लगवा लेते हैं और हाथ पर कलावा भी बांध लेते हैं। लेकिन गौमूत्र ही एक ऐसा तरीका है, जिससे लोगों की असली पहचान हो जाएगी। भाजपा जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने शहर के सभी गरबा आयोजकों से अपील की थी कि वे गरबा में आने वाले सभी लोगों को गौमूत्र पिलाने के बाद ही पंडाल में प्रवेश करने दें। बता दें कि हर साल गरबा पर्व से पूर्व इस तरह के विवादित बयान देखने को मिलते हैं। कई स्थानों पर पर हाथापाई तक की नौबत भी आ जाती है।