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    नर्मदा एक्सप्रेस से गायब अर्चना तिवारी 11 दिन बाद कहां है? हिरासत में कांस्टेबल; परिवार के दावे से उलझी गुत्थी!

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    मध्य प्रदेश में इन दिनों सबसे बहुचर्चित अर्चना तिवारी केस में जीआरपी पुलिस ने ग्वालियर के भंवरपुरा थाना में पदस्थ राम सिंह तोमर को हिरासत में लिया है। कांस्टेबल से जीआरपी थाना पुलिस ने पूछताछ की है।ग्वालियरः नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच B3 से गायब युवती अर्चना तिवारी का अभी तक पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है लेकिन परिजनों ने मंगलवार को दावा किया कि अर्चना सकुशल है। जानकारी के मुताबिक अर्चना ने आज यानी मंगलवार को अपने परिवार को कॉल किया था। अर्चना की मां से बातचीत हुई। ⁠हालाँकि अर्चना ने कहां से कॉल किया यह कोई नहीं बता रहा है। परिवार का दावा अर्चना से हुई फोन पर बात

    अर्चना तिवारी के मुंह बोले भाई अंशुल मिश्रा ने दावा किया है कि उसकी अर्चना तिवारी से बात हो गई है। अर्चना तिवारी सकुशल है और वह उसको लेने के लिए ग्वालियर रवाना हो गए हैं। हालांकि जीआरपी पुलिस को अभी तक अर्चना तिवारी का कोई सुराग नहीं मिला है।

    जीआरपी ने कांस्टेबल को हिरासत में लेकर की पूछताछ

    मामले की जांच कर रही जीआरपी पुलिस ने बताया है कि युवती की ग्वालियर के भंवरपुर थाने में पदस्थ पुलिस कांस्टेबल से फोन पर बात होती थी। अर्चना का टिकट ग्वालियर के एक पुलिस कांस्टेबल ने ही बुक किया था। जीआरपी ने पुलिस कांस्टेबल को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि कांस्टेबल को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। वहीं पुलिस कांस्टेबल ने माना है कि उसकी अर्चना से बात होती थी और ट्रेन का टिकट भी उसी ने बुक किया था हालांकि कास्टेबल ने अर्चना से मुलाकात से इनकार किया है।

    आरक्षक राम तोमर का कहना है कि मैं अर्चना से कभी नहीं मिला। उसे कभी देखा तक नहीं। दोस्त विक्रम राजावत के जरिये उससे फोन पर मेरी बातचीत हुई थी। अर्चना से मेरी केवल मोबाइल पर बात हुई है, मेरा इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है। मुझे फंसाया जा रहा है, मैं बेकसूर हूँ, मैंने केवल उसका टिकट कराया था, अर्चना कहां है मुझे नहीं पता।

    7 अगस्त को ट्रेन से लापता हो गई अर्चना

    बता दें कि सिविल जज की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी ⁠7 अगस्त को चलती ट्रेन से लापता हो गई थी। वह 6 अगस्त को नर्मदा एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के कटनी साउथ स्टेशन पर पहुंची तो वहां सिर्फ़ उसका बैग बचा था, जिसमें एक राखी, एक रूमाल और बच्चों के लिए उपहार थे। जिस महिला ने रक्षाबंधन की इन ज़रूरी चीज़ों को बड़ी सावधानी से पैक किया था, उसका कहीं पता नहीं चला।

    29 वर्षीय अर्चना तिवारी के लापता होने के बाद कई राज्यों में तलाशी अभियान शुरू हो गया है और यह सवाल भी उठ रहे हैं कि घर पहुंचने के लिए 12 घंटे की सामान्य यात्रा के दौरान क्या हुआ। उसके लापता होने के लगभग दो हफ़्ते बाद कोई सुराग नहीं मिला है।

    उपराष्ट्रपति चुनाव में दिलचस्प होगा मुकाबला, NDA के राधाकृष्णन के खिलाफ विपक्ष ने बी सुदर्शन रेड्डी को उतारा

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    उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार कौन होगा, इसे लेकर अब फैसला हो गया है। विपक्ष की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी के नाम का ऐलान किया है।उपराष्ट्रपति पद के लिए आज विपक्ष ने भी अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। घोषणा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई बैठक में उनके नाम का ऐलान कर दिया गया। इस तरह से अब एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के सामने बी सुदर्शन रेड्डी होंगे। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों उम्मीदवारों के बीच उपराष्ट्रपति के पद के लिए मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। हालांकि नंबर गेम के मुताबिक एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार का पलड़ा भारी है। खरगे ने किया नाम का ऐलान

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ हो रही बैठक में उपराष्ट्रपति पद के लिए बी सुदर्शन रेड्डी के नाम का ऐलान किया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा और प्रतिष्ठित कानूनी करियर रहा है, जिसमें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य शामिल है।

    खरगे ने आगे कहा, रेड्डी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के एक निरंतर और साहसी चैंपियन रहे हैं। वह एक गरीब आदमी हैं और यदि आप कई फैसले पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने कैसे गरीब लोगों का पक्ष लिया और संविधान और मौलिक अधिकारों की भी रक्षा की।”

    बी सुदर्शन रेड्डी को क्यों चुना गया

    जाति जनगणना के बाद तेलंगाना सरकार द्वारा नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञ कार्य समूह (IEWG) का नेतृत्व सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी ने ही किया था। इस समिति ने राज्य सरकार को अपनी 300 पृष्ठों की रिपोर्ट सौंपी। समूह ने कांग्रेस सरकार द्वारा कराए गए सामाजिक-आर्थिक, शिक्षा, रोजगार, राजनीतिक और जातिगत (SEEEPC) सर्वेक्षण की कार्यप्रणाली को वैज्ञानिक, प्रामाणिक और विश्वसनीय बताते हुए कहा कि यह देश के लिए एक आदर्श बनेगा।

     

    ये देश है वीर-जवानों का…,’ गाकर देशभक्ति के रंग में रंगे सीएम डॉ. मोहन, बोले- आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहीं लहरें

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    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरे देश का उत्साह एवरेस्ट की चोटी से भी ऊंचा हो गया है। दुर्भाग्य है कि लोकतंत्र का अहम हिस्सा विपक्ष के नेता गलतियां करने से बाज नहीं आ रहे।भोपाल: ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 14 अगस्त को बोट क्लब पर आयोजित ‘नौका तिरंगा यात्रा’ में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने यहां मौजूद जनता का अभिवादन किया। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के तालाब पर लहराते तिरंगे हमें ऊर्जा से लबरेज कर रहे हैं। तालाब की लहरें उन्हें लगातार आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही हैं। हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास के लिए संकल्पित है। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर भी सवाल खड़े किए। इस दौरान उन्होंने, ‘ये देश है वीर जवानों का..,; गाना भी गाया। बोट क्लब से पहले सीएम डॉ. यादव मुख्यमंत्री निवास पर निकाली गई तिरंगा यात्रा में भी शामिल हुए।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरे देश का उत्साह एवरेस्ट की चोटी से भी ऊंचा हो गया है। दुर्भाग्य है कि लोकतंत्र का अहम हिस्सा विपक्ष के नेता गलतियां करने से बाज नहीं आ रहे। विपक्ष के नेता सेना से कार्रवाई का सबूत मांगते हैं। अब जब पूरा देश 15 अगस्त के मद्देनजर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर झूम रहा है उस वक्त भी विपक्ष राजनीतिक गतिविधियां कर रहा है। हमारे न्यायालय, हमारी सेनाएं और चुनाव आयोग देश के लोकतंत्र के स्तंभ हैं। विपक्ष इन्हीं पर सवाल खड़े कर रहा है। लेकिन, यह प्रश्न उनकी ओर ही बढ़ रहा है कि वे लोकतंत्र पर भरोसा करते हैं कि नहीं करते हैं।

    जन कल्याण के लिए सरकार संकल्पित
    सीएम डॉ. यादव ने कहा कि आज भोपाल के तालाब पर लहराते तिरंगे हमें ऊर्जा से लबरेज कर रहे हैं। यहां उठ रहीं लहरें हमें हमारे जन कल्याण के संकल्प को याद दिला रही हैं। ये लहरें हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही हैं। हमारी सरकार सभी को साथ लेकर प्रदेश के विकास के लिए संकल्पित है। भविष्य में जनता भोपाल के तालाब में भी कश्मीर की डल झील जैसा आनंद उठा सकेगी। मेरी ओर से सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई।

    देखने लायक था नजारा
    बता दें, बोट क्लब पर नजारा देखने लायक था। सैकड़ों नावों पर सवार लोग हाथों में तिरंगा लिए देशभक्ति के रंग में रंगे दिखाई दिए। चारों ओर बज रहे गीतों ने देखने वालों का उत्साह चरम पर पहुंचा दिया। लोग खुद भी देशभक्ति के गीत गा रहे थे और अन्य लोगों को भी प्रेरणा दे रहे थे। कई लोग हाथों में देशभक्ति के नारों का पोस्टर लिए लोगों को देश-प्रदेश के विकास के लिए प्रेरित कर रहे थे।

    सीएम हाउस में गूंजे देशभक्ति के सुर
    गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री निवास परिसर में तिरंगा यात्रा निकली। इसमें मुख्यमंत्री सचिवालय व निवास के सभी अधिकारी-कर्मचारी, सुरक्षा बल, दीदी कैफ़े की बहनें और समस्त स्टाफ ने हाथों में तिरंगा थामकर देशभक्ति से सराबोर यात्रा में भाग लिया। इस दौरान पूरा परिसर वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा।

    शुभमन गिल को मिला आईसीसी का बड़ा अवॉर्ड, पूरी दुनिया में ऐसा करने वाले बने पहले खिलाड़ी

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    शुभमन गिल पिछले कुछ समय से बहुत ही शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके बल्ले से खूब रन भी निकल रहे हैं। इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने अपनी बल्लेबाजी का जलवा दिखाया था और टीम के लिए सबसे बड़े नायक बनकर उभरे थे। गिल की बेहतरीन बल्लेबाजी की वजह से ही भारतीय टीम टेस्ट सीरीज 2-2 से बराबर कर पाई थी। अब जुलाई 2025 महीने के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड मिला है। इसका ऐलान आईसीसी ने किया है।गिल ने किया था दमदार प्रदर्शन
    शुभमन गिल को प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड जीतने के लिए इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और साउथ अफ्रीकी ऑलराउंडर वियान मुल्डर से कड़ी टक्कर मिली। 25 साल के गिल ने जुलाई में दमदार खेल दिखाया और उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में 94.50 की शानदार औसत से 567 रन बनाए, जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल रहा।

    शुभमन गिल ने कही ये बात
    प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड जीतने के बाद शुभमन गिल ने कहा कि जुलाई के लिए आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ चुने जाने पर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। इस बार यह और भी ज्यादा अहम है क्योंकि यह अवॉर्ड मुझे कप्तान के रूप में मेरी पहली टेस्ट सीरीज के दौरान मेरे प्रदर्शन के लिए मिला है। बर्मिंघम में लगाया गया दोहरा शतक मेरे सबसे यादगार पलों में से एक रहेगा। मैं इस अवॉर्ड के लिए मुझे चुनने के लिए जूरी को धन्यवाद देना चाहता हूं।

    गिल ने चौथी बार जीता आईसीसी प्लेयर ऑफ मंथ अवॉर्ड
    शुभमन गिल का यह कुल चौथा आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड है। इससे पहले उन्होंने फरवरी 2025, जनवरी 2023, सितंबर 2023 में यह अवॉर्ड अपने नाम किया था। वह पूरी दुनिया में इकलौते प्लेयर बने हैं, जिन्होंने प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड चार बार जीता है। इंग्लैंड दौरे पर शुभमन गिल ने ऐसा प्रदर्शन किया था, जिसकी मिशाल कम ही देखने को मिलती है। उन्होंने पूरी टेस्ट सीरीज के पांच मैचों में कुल 754 रन बनाए, जिसमें चार शतक शामिल रहे।

    इंग्लैंड में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय टेस्ट कप्तान
    शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मैच में शतक लगाया था, लेकिन तब भारत को पांच विकेट से हार मिली थी। इसके बाद दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 269 रन और दूसरी पारी में 161 रन बनाए थे। उनकी वजह से ही भारतीय टीम दूसरा मैच 336 रनों से जीत दर्ज करने में सफल रही। गिल इंग्लैंड में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय टेस्ट कप्तान बने थे।

    पीएम मोदी की सुरक्षा की ढाल है ‘अदासो कपेसा’, माओ नागा जनजाति से रखती हैं ताल्लुक, जानिए और भी बहुत कुछ

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हाल ही में एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिला है। मणिपुर के सेनापति जिले के छोटे से गांव कैबी की रहने वाली इंस्पेक्टर अदासो कपेसा ने देश की सबसे प्रतिष्ठित सुरक्षा इकाई, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) में शामिल होकर इतिहास रच दिया। वह पीएम मोदी की सुरक्षा में तैनात होने वाली पहली महिला कमांडो हैं। उनकी एक तस्वीर, जिसमें वह काले सूट और ईयरपीस के साथ पीएम के पीछे आत्मविश्वास से खड़ी हुई दिख रही हैं। अदासो कपेसा की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई।

    SSB की 55वीं बटालियन में तैनात थीं कपेसा
    अदासो कपेसा मणिपुर के माओ नागा जनजाति से ताल्लुक रखती हैं। साधारण पृष्ठभूमि और सीमित संसाधनों वाले गांव से आने वाली अदासो ने बचपन से ही बड़े सपने देखे। उन्होंने स्थानीय स्कूल से पढ़ाई पूरी की और फिर सशस्त्र सीमा बल (SSB) में शामिल हुईं। वह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में SSB की 55वीं बटालियन में इंस्पेक्टर (जनरल ड्यूटी) के पद पर तैनात थीं। अपनी मेहनत, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता के दम पर उन्होंने SPG में जगह बनाई।

    मार्शल आर्ट और बम डिफ्यूजिंग में हैं माहिर
    SPG में शामिल होना कोई आसान काम नहीं है। यह भारत की सबसे विशिष्ट सुरक्षा इकाई है, जो केवल प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। SPG में चयन के लिए कठिन शारीरिक और मानसिक परीक्षणों से गुजरना पड़ता है, जिसमें हथियारों की ट्रेनिंग, मार्शल आर्ट, बम डिफ्यूजिंग, और गुप्त मिशनों की तैयारी शामिल है। अदासो ने 2020 में SPG कमांडो ट्रेनिंग पूरी की और 2024 में पीएम की कोर सुरक्षा टीम में शामिल हुईं। इस तरह कपेसा ने पुरुष प्रधान देश की महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की।

    सुरक्षा व्यवस्था में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का प्रतीक
    अदासो कपेसा की SPG में तैनाती न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत है, बल्कि यह भारत के सुरक्षा व्यवस्था में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का प्रतीक है। उनकी तस्वीरें खासकर पीएम मोदी की हालिया ब्रिटेन यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनीं। लोग उन्हें ‘नारी शक्ति’ और ‘राष्ट्रीय गौरव’ कहकर सराह रहे हैं। खासकर मणिपुर और पूर्वोत्तर भारत के लोग उनकी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं।

    सर मैं इस इंस्टीट्यूट से पढ़ना चाहती हूं..,’ सुनते ही सीएम मोहन यादव ने पूरा किया छात्रा का सपना

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    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को मेधावी छात्राओं को छात्रवृत्ति और प्रशस्तिपत्र प्रदान किए। इस मौके पर 12वीं में प्रदेश की टॉपर प्रियल द्विवेदी ने जब सीएम मोहन से कहा कि वह एक इंस्टीट्यूट से पढ़ना चाहती है तो उन्होंने छात्रा की मदद करने का फैसला किया।भोपाल। युवाओं के रोजगार और स्वर्णिम भविष्य के लिए मध्य प्रदेश सरकार कितनी संवेदनशील है इसका अंदाजा उस वक्त लगा, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक छात्रा के अपील करते ही उसकी आगामी शिक्षा की पूरी व्यवस्था कर दी। सीएम डॉ. यादव ने न केवल उसकी एजुकेशन की जिम्मेदारी ली, बल्कि हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया। उनके इस अंदाज ने मौके पर मौजूद स्टूडेंट्स और लोगों का दिल जीत लिया। स्टूडेंट्स ने कहा कि अगर मध्य प्रदेश सरकार इस तरह उनकी मदद करती रही तो प्रतिभाओं को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। इस टैलेंट के आधार पर राज्य जल्द विकसित प्रदेशों में शामिल हो जाएगा।

    सीएम ने मेधावी छात्राओं को दी छात्रवृत्ति

    गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 11 अगस्त को भोपाल के निजी होटल में आयोजित ‘स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप-2025’ वितरण कार्यक्रम में मेधावी छात्राओं को छात्रवृत्ति और प्रशस्तिपत्र प्रदान किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय अब बढ़कर 1 लाख 52 हजार रुपये हो गई है। यह आय वर्ष 2002-03 तक मात्र 11 हजार रुपए थी। पिछले डेढ़ साल में सिंचाई का रकबा साढ़े सात लाख हेक्टेयर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि नदी जोड़ो अभियान के माध्यम से प्रदेश के कई जिलों को लाभ होगा । प्रदेश सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है। औद्योगिक गतिविधियों और निवेश को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

    छात्रों के लिए तत्परता से काम कर रही सरकार

    सीएम डॉ. यादव ने कहा कि मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार तत्परता पूर्वक हर संभव प्रयास कर रही है। 75 फीसदी से अधिक अंक लाने और स्कूल में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप और स्कूटी देने की व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम में एमपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में प्रदेश में प्रथम आने वाली शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अमरपाटन की प्रियल द्विवेदी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बताया कि वह आगे की पढ़ाई वेल्लोर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) से करना चाहती है, लेकिन परिस्थिति के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा है। उसकी बात सुनते ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा कर दी कि प्रियल की वीआईटी में पढ़ाई की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी।

    66 छात्राओं का हुआ सम्मान

    बता दें, मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कार्यक्रम में 66 छात्राओं को सम्मानित किया। इसमें हर जिले की टॉपर छात्रा को 50 हजार रुपए तथा प्रशस्ति पत्र और प्रदेश में प्रथम आने वाली प्रियल द्विवेदी को एक लाख रुपये दिए गए। इस मौके पर प्रियल के स्कूल को भी एक लाख रुपये की राशि का चेक दिया गया।

    लाड़ली बहनों को मिला रक्षाबंधन का विशेष शगुन, सीएम डॉ. मोहन ने क्यों कहा भगवान होती हैं बहनें? सुनाई श्री कृष्ण-द्रौपदी की कहानी

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    इस मौके पर उन्होंने 1 करोड़ 26 लाख 89 हजार से ज्यादा बहनों के खातों में लाड़ली बहन योजना की किश्त 1250 के साथ-साथ 250 रुपये का विशेष शगुन भी ट्रांसफर किया। उन्होंने पहले 1541.76 करोड़ और बाद में 317 करोड़ रुपये की राशि बहनों के खातों में ट्रांसफर की। इसके अलावा उन्होंने 28 लाख से अधिक बहनों को गैस सिलेंडर रीफिलिंग के लभोपाल/राजगढ़। ‘हम लाड़ली बहनों की राशि धीरे-धीरे बढ़ाएंगे। हमारी सरकार 41 हजार करोड़ की राशि बहनों को दे चुकी है। बहनों के हाथ में रुपये देने से उसका सदुपयोग होता है। बहनें एक-एक रुपया बचाकर घर को संभालती हैं। बहनें अपना पेट काटकर घर का ख्याल रखती हैं। मैं बहनों का प्रेम जीवनभर नहीं भूलूंगा। बहनों को दीपावली के बाद भाईदूज से 1500 रुपये मिलने लगेंगे। हमारा संकल्प है कि हम बहनों को तीन हजार रुपये देंगे। बहनें अगर रोजगारपरक कारखाने में जाएगी तो उन्हें सरकार 5 हजार रुपये देगी। इसके अलावा कारखाने का मालिक अलग रुपये देगा। हमारी सरकार हॉस्टल बनाकर महिलाओं को रात में काम करने की छूट दे रही हैं। हम भाइयों को भी रोजगारपरक कारखाने में काम करने के लिए रुपये देंगे। बहनें भगवान की तरह होती हैं।’यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में कही। डॉ. सीएम यादव 7 अगस्त को यहां आयोजित रक्षाबंधन उत्सव को संबोधित कर रहे थे।

    लाड़ली बहन योजना की किश्त खाते में बहनों के खाते में ट्रांसफर
    इस मौके पर उन्होंने 1 करोड़ 26 लाख 89 हजार से ज्यादा बहनों के खातों में लाड़ली बहन योजना की किश्त 1250 के साथ-साथ 250 रुपये का विशेष शगुन भी ट्रांसफर किया। उन्होंने पहले 1541.76 करोड़ और बाद में 317 करोड़ रुपये की राशि बहनों के खातों में ट्रांसफर की। इसके अलावा उन्होंने 28 लाख से अधिक बहनों को गैस सिलेंडर रीफिलिंग के लिए 43.90 करोड़ भी दिए। कार्यक्रम में सीएम डॉ.यादव ने कई घोषणाएं भी कीं। कार्यक्रम से पहले सीएम डॉ.मोहन यादव ने रोड-शो किया। उसके बाद बहनों ने बड़ी संख्या में उन्हें राखियां बांधी। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों से बड़ा बदला लिया। इस बार का रक्षाबंधन ऑपरेशन सिंदूर पर ही आधारित है। त्योहारों का राजा है रक्षाबंधन
    गौरतलब है कि इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रक्षाबंधन को लेकर कहानी भी सुनाई। उन्होंने कहा कि भाई-बहन के त्योहार रक्षाबंधन की किसी से तुलना नहीं हो सकती। रक्षाबंधन सभी त्योहारों का राजा है। जब हम छोटे थे तो पिता जी को राखी बांधने बुआ आया करती थी। उस वक्त लगता था जैसे घर में दीपावली आ गई हो। बुआ के आते ही घर में हलचल मच जाती थी। उनके बैग में सभी भांजे-भांजियों के लिए राखी और गिफ्ट हुआ करते थे। फिर, जब हम और बड़े हुए तो बहन को लेने ससुराल जाने लगे। पूरे साल में एक बार मिलने पर बहन अंदर से तो बहुत खुश होती थी, लेकिन सामने से कठोर होकर कहती थी कि तुम्हें बड़ी जल्दी बहन की याद आ गई, राखी आई तो याद आ गई। जाओ मैं नहीं जाती तुम्हारे साथ। ये सुनने के बाद भाई मनाने में लग जाता था, गलती स्वीकार करने लगता था। काफी मनाने के बाद आखिर बहन भाई के साथ घर आ जाती थी।

    सारी गलतियां माफ कर देती हैं बहनें
    सीएम डॉ. यादव ने कहा कि बहन तो है ही भगवान की तरह, जो सारी गलतियां माफ कर देती है। बेटी के घर में आने से पिता की आंखें चमक उठती हैं। बेटी जब घर में कदम रखती है तो उस वक्त इतना आनंद आता है, जो भगवान के आने पर भी नहीं होता। बेटी से ज्यादा पिता को कोई सुख नहीं दे सकता। वह अपने मायके की भी चिंता करती है और ससुराल की भी। हमें इस पर गर्व है। जिस घर में बेटी नहीं होती, वह अधूरा रहता है। जिसमें भाई-बहन सब हों, उस घर को स्वर्ग माना जाता है। संसार में हर रिश्ते का महत्व है। उन्होंने कहा कि भाई के लिए भांजी का विवाह करना सौभाग्यशाली होता है। भारतीय संस्कृति में ही भांजे-भांजियों को बेटे-बेटियों से ज्यादा महत्व दिया जाता है। रेशम के धागे में सभी ताकतों से ज्यादा ताकत होती है।

    वोटर लिस्ट पर लोगों को विश्वास नहीं, महाराष्ट्र में हुई धांधली’, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर फिर उठाए सवाल

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    नई दिल्ली: कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा करते हुए वोटर लिस्ट पर सवाल उठाया है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट पर जनता को भरोसा नहीं है, इसमें फर्जी वोटर जोड़े गए। उन्होंने महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव नतीजों का हवाला देते हुए यह बात कही।
    वोट संविधान की नींव
    राहुल गांधी ने कहा कि संविधान की नींव वोट है। ऐसे में सोचना होगा कि क्या सही लोगों को वोट डालने दिया जा रहा है? क्या वोटर लिस्ट में फर्जी वोटर्स जोड़े गए।उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में चुनाव में चोरी हुई। हम महाराष्ट्र में 40 लाख वोटर रहस्यमयी हैं। वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को यह बताना चाहिए कि वोटर लिस्ट सही है या गलत?उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक डेटा क्यों नहीं उपलब्ध कराता? हमने आयोग से बार-बार डेटा मांगा लेकिन उन्होंने हमें नहीं दिया। डेटा तो छोड़िए हमें जवाब देने से भी इनकार किया।

    राहुल गांधी ने कहा कि सत्ता-विरोधी भावना एक ऐसी चीज है जो हर लोकतंत्र में हर पार्टी को प्रभावित करती है। लेकिन किसी कारण से, भाजपा लोकतांत्रिक ढांचे में एकमात्र ऐसी पार्टी है जो मूल रूप से सत्ता-विरोधी भावना से ग्रस्त नहीं है। एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल एक बात कहते हैं, आपने हरियाणा चुनाव में देखा, आपने मध्य प्रदेश चुनाव में देखा और फिर अचानक परिणाम बड़े पैमाने पर बदलाव के साथ पूरी तरह से अलग दिशा में चले जाते हैं। इसमें हमारा अपना आंतरिक सर्वेक्षण भी शामिल है, जो काफी परिष्कृत है।

    5 महीनों में 5 साल से ज़्यादा वोटर्स जुड़े-राहुल
    राहुल गांधी ने कहा, “… महाराष्ट्र में, 5 महीनों में 5 साल से ज़्यादा मतदाताओं के जुड़ने से हमारा संदेह बढ़ा और फिर शाम 5 बजे के बाद मतदान में भारी उछाल आया। लोकसभा चुनाव में हमारा गठबंधन पूरी तरह से साफ़ हो गया। यह बेहद संदिग्ध है। हमने पाया कि लोकसभा और विधानसभा के बीच एक करोड़ नए मतदाता जुड़ गए। हम चुनाव आयोग गए और हमारे तर्क का सार यह था कि महाराष्ट्र चुनाव चुराया गया था। समस्या की जड़ क्या है? मतदाता सूची इस देश की संपत्ति है। चुनाव आयोग हमें मतदाता सूची देने से इनकार कर रहा है।

    40 हजार वोटरों का पता नहीं
    राहुल गांधी ने आगे कहा- ऐसे 40 हजार वोटर हैं जिनके पते शून्य है या फिर है ही नहीं। अलग-अलग नाम और अलग-अलग परिवार के लोग और जब हम वहां जाते हैं तो पता चलता है कि वहां कोई रहता ही नहीं है। चुनाव आयोग के मुताबिक इन पतों पर कई लोग रहते हैं लेकिन जब हम वहां जाते हैं तो पता चलता है कि वहां कोई रहता ही नहीं है। वोटर लिस्ट में कई लोगों की तस्वीरे नहीं हैं और अगर है भी तो ऐसी जिन्हें देखकर मतदाताओं की पहचान ही नहीं हो सकती।

    राहुल गांधी ने कहा, “वे(चुनाव आयोग) मुझ पर हमला नहीं कर रहे हैं। वे मुझ पर हमला करने से डरते हैं। उन्होंने मेरे खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है क्योंकि वे जानते हैं कि मैं सच कह रहा हूं। वे(चुनाव आयोग) बोलते हैं लेकिन मुझ पर हमला नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि हम सच कह रहे हैं।”

    सुपरस्टार पिता की एक्स गर्लफ्रेंड से मिलती है हीरोइन की शक्ल, जब पूछा सवाल तो एक्ट्रेस ने खोल दी थी सच्चाई

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    सोनाक्षी सिन्हा के पिता शत्रुघ्न सिन्हा भी अपने समय के सुपरस्टार रहे हैं। सोनाक्षी का चेहरा भी अपने पिता की एक्स गर्लफ्रेंड रहीं रीना रॉय से मिलती हैं। इसको लेकर सोनाक्षी ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी।बॉलीवुड हीरोइन सोनाक्षी सिन्हा इन दिनों अपने पति के साथ अक्सर ही सुर्खियां बटोरती रहती हैं। कभी घूमने को लेकर तो कभी अपनी फिल्मों को लेकर चर्चा में रहने वाली सोनाक्षी के पिता शत्रुघ्न सिन्हा भी अपने समय के सुपरस्टार रहे हैं। लेकिन खास बात ये है कि सोनाक्षी सिन्हा का चेहरा उनके पिता की एक्स गर्लफ्रेंड रीना रॉय से मिलता है। इसको लेकर सोनाक्षी सिन्हा से भी कई बार सवाल पूछा गया। सोनाक्षी ने भी इसके पीछे की मिस्ट्री का खुलासा किया था। साथ ही रीना रॉय ने भी इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।

    शत्रुघ्न सिन्हा की गर्लफ्रेंड रही थीं रीना रॉय
    शत्रुघ्न सिन्हा और रीना रॉय की लवस्टोरी साल 1976 में शुरू हुई थी। दोनों फिल्म कालीचरण में नजर आए थे और यहीं से दोनों की दोस्ती हुई और बाद में प्यार हो गया। दोनों कुछ समय तक रिलेशनशिप में रहे और आगे जाकर दोनों के बीच अलगाव हो गया। शत्रुघ्न सिन्हा ने पूनम को चुना और शादी कर ली। शादी के कुछ समय बाद दोनों के तीन बच्चे हुए। लेकिन जब जुड़वां बेटों के बाद शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी हुई तो उसकी शक्ल रीना रॉय से मिलती थी। जब सोनाक्षी सिन्हा बड़ी हुईं तो लोगों ने ये भी नोटिस किया और जब वे फिल्मी दुनिया की स्टार बन गईं तो लोगों ने इसको लेकर सवाल भी पूछे। सोनाक्षी सिन्हा ने भी बताई थी वजह
    इसको लेकर सोनाक्षी सिन्हा से भी जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया था कि ‘जब मैं बड़ी हुई तो मुझे ये बात समझ आई। लेकिन मुझे लगता है कि मैं अपनी मां पूनम सिन्हा की तरह दिखती हूं। मैं अपने पिता के अतीत में नहीं झांकना चाहती।’ बता दें कि सोनाक्षी सिन्हा और रीना रॉय के चेहरे की समानता को लेकर काफी समय से फैन्स बातें करते रहे हैं। इसको लेकर रीना रॉय से भी जब पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि ये जिंदगी के इत्तेफाक हैं। मेरी मां और एक बॉलीवुड स्टार की मां बिल्कुल जुड़वां बहनें लगती थीं। ये सब जिंदगी के इत्तेफाक होते हैं जिनका कोई ठोस कारण नहीं होता।

    अपने समय की सुपरस्टार रहीं रीना रॉय
    रीना रॉय अपने समय की स्टार रहीं हैं और बॉलीवुड की 109 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं रीना आखिरी बार फिल्म रिफ्यूजी में नजर आईं थीं। इस फिल्म में अभिषेक बच्च ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। साल 1972 में अपने करियर की शुरुआत करने वाली रीना रॉय ने चंद फिल्मों में ही शोहरत हासिल कर ली थी। इतना ही नहीं रीना ने कई सुपरहिट फिल्मों में भी काम किया। शत्रुघ्न सिन्हा की फिल्म कालीचरण में भी रीना ने कमाल का किरदार निभाया था। यहीं से दोनों के बीच प्यार पनपा था जो आगे जाकर फेल हो गया।

    RBI MPC की घोषणा से निराश हुआ बाजार, सेंसेक्स और 166 अंक लुढ़ककर बंद, निफ्टी 24,574 पर टिका, ये शेयर टूटे

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    भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की एमपीसी की तरफ से बुधवार को ब्याज दरों में कोई कटौती न किए जाने की खबर का असर घरेलू शेयर बाजार पर दिखा। बुधवार को यह गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स 6 अगस्त को कारोबार के आखिर में 166.26 अंक की गिरावट के साथ 80,543.99 के लेवल पर बंद हुआ। इसके अलावा, एनएसई का निफ्टी भी 75.35 अंक की गिरावट के साथ आखिर में 24,574.20 के लेवल पर टिका। खबर के मुताबिक, आज के कारोबार में लगभग 1293 शेयरों में तेजी आई, 2584 शेयरों में गिरावट आई जबकि 153 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को अपनी नीतिगत ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा, क्योंकि नीति निर्माता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों से उत्पन्न जोखिमों और उच्च टैरिफ की संभावना से जुड़ी अनिश्चितताओं पर विचार कर रहे थे।

    इन दिग्गज कंपनियों में उतार-चढ़ाव
    सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में सन फार्मास्युटिकल्स, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस, इटरनल, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, आईटीसी और एलएंडटी प्रमुख रूप से पिछड़े रहे। एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बीईएल, अदानी पोर्ट्स, भारतीय स्टेट बैंक, ट्रेंट, एचडीएफसी बैंक लाभ में रहे। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार लचीला बना रहा और 24,500 के प्रमुख समर्थन स्तर के पास मजबूती से टिका रहा। फार्मा क्षेत्र का प्रदर्शन कमजोर रहा और टैरिफ चेतावनियों का यह क्षेत्र एक बड़ा शिकार बनकर उभरा।

    रुपया 15 पैसे मजबूत हुआ
    बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे की मजबूती के साथ 87.73 (अनंतिम) पर बंद हुआ। यह सुधार अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखने के फैसले के चलते देखा गया। फॉरेक्स कारोबारियों के मुताबिक, हालांकि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, घरेलू शेयर बाजारों में कमजोरी और भारत पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर बनी अनिश्चितताओं ने रुपये की बढ़त को सीमित कर दिया। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में रुपया 87.72 पर खुला और दिनभर में 87.63 से 87.80 के दायरे में रहा, अंत में यह 87.73 पर बंद हुआ। यह मंगलवार को 87.88 पर बंद हुआ था, जो अब तक का सबसे निचला स्तर था।