More
    Home Blog

    गुजरात: वडोदरा के IOCL की रिफाइनरी में भीषण विस्फोट, कई किलोमीटर दूर तक दिखा धुएं का गुबार

    0

    वडोदरा के कोयली इलाके में IOCL की रिफाइनरी में भीषण विस्फोट के बाद अफरा तफरी मच गई। भीषण विस्फोट का धुंआ कई किलोमीटर दूर तक दिखाई दिया। मौके पर फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां पहुंची हुईं हैं।
    गुजरात के वडोदरा जिले के कोयली इलाके में सोमवार को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) की रिफाइनरी में भीषण विस्फोट हुआ है। IOCL रिफाइनरी के स्टोरेज टैंक में ये विस्फोट हुआ है। विस्फोट के बाद रिफाइनरी में भीषण आग लग गई। कई किलोमीटर दूर तक धुएं का गुबार देखा गया।
    आसपास की कंपनियों में दहशत का माहौल
    आग लगने के बाद आसपास की कंपनियों में दहशत का माहौल है। आग पर काबू पाने के लिए प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। आग बुझाने के लिए करीब 10 दमकल गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

    कंपनी के स्थानीय अधिकारी मौके पर
    वडोदरा के जिला कलेक्टर बिजल शाह ने बताया कि विस्फोट दोपहर करीब 3.50 बजे हुआ है। वडोदरा के कोयली इलाके में स्थित IOCL रिफाइनरी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन भारत सरकार का उपक्रम है। आग लगने के घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर स्थानीय अधिकारी मौजूद हैं।

    करीब 20 साल पहले भी हुआ था ऐसा धमाका
    यह घटना करीब 20 साल पहले इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की गुजरात रिफाइनरी में हुए एक बड़े विस्फोट के बाद हुई है। साल 2005 की घटना में 13 लोग घायल हो गए थे। यह विस्फोट फ्लूइड कैटेलिटिक क्रैकर (FCC) प्लांट में करीब 10:30 बजे हुआ था। इसके बाद आग लग गई थी।

    बंद पड़ी ग्वालियर JC मिल श्रमिकों को चेहरे पर आई मुस्कान, जल्द मिलेगा बकाया भुगतान

    0

    सीएम के फैक्टरी के दौरे के बाद श्रमिकों में बकाया भुगतान को लेकर आशा की नई किरण दिखी है. संभावना है कि जेसी मिल श्रमिकों के लिए भी इंदौर की हुकुम चंद मिल की तरह ही निपटारे का रास्ता बन सकता है. इससे श्रमिकों को बकाया पैसों का जल्द भुगतान हो सकता है.
    ग्वालियर अंचल की बंद पड़ी जियाजीराव कॉटन मिल (JC Mill ) के दौरे पर सोमवार को पहुंचे सीएम डा. मोहन यादव ने 8 हजार श्रमिक परिवार के चेहरे पर बकाया भुगतान का आश्वासन देकर मुस्कान बिखेर दिया. 90 के दशक से बंद फैक्टरी के मजदूर बकाया पैसों के भुगतान के लिए काफी दिनों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.

    सीएम के फैक्टरी के दौरे के बाद श्रमिकों में बकाया भुगतान को लेकर आशा की नई किरण दिखी है. संभावना है कि जेसी मिल श्रमिकों के लिए भी इंदौर की हुकुम चंद मिल की तरह ही निपटारे का रास्ता बन सकता है. इससे श्रमिकों को बकाया पैसों का जल्द भुगतान हो सकता है
    रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव अचानक ग्वालियर आकर सीधे जेसी मिल पर पहुंच गए और उन्होंने वहां वीरान पड़े कॉटन मिल और उसकी जमीन का निरीक्षण किया और श्रमिक परिवारों से भेंट कर उन्हें भरोसा दिया कि उनके हित मे जल्द ही बड़ा निर्णय होगा.

    विजयपुर में प्रचार के बाद ग्वालियर लौटे सीएम सीधे फैक्टरी पहुंचे
    मुख्यमंत्री मोहन सोमवार को विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर ग्वालियर लौटे थे, उन्हें निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एयरपोर्ट से ही सीधे झारखंड चुनाव प्रचार के लिए रवाना होना था, लेकिन वो जेसी मिल पहुंच गए. जिला कलेक्टर रुचिका चौहान और एसपी धर्मवीर सिंह ने आनन – फानन में सीएम को लेकर सर्किट हाउस से जेसी मिल पहुंचे.

    जब मिल बन्द हुआ मिल पर 8037 कर्मचारी व श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान को लेकर कोर्ट केस चल रहे है. फिलहाल, मिल पर जिंदा बचे 6000 कर्मचारियों की 135 करोड़ की देनदारी है और 500 से अधिक मजदूरों ने भुगतान के लिए कोर्ट में भी केस दायर किए हैं.
    श्रमिकों के परिजनों से मुलाकात कर मुख्यमंत्री ने उनका हाल जाना
    जेसी मिल पहुंचे मुख्यमंत्री ने मिल का दौरा किया और श्रमिकों के परिवार से मिलकर उनका हाल जाना. मौके पर ही कलेक्टर और उद्योग विभाग के अफसर भी मौजूद रहे. इस दौरान सीएम ने कहा कि वे मुकदमा नहीं, समाधान चाहते है इसलिए इंदौर के हुकम चंद मिल की तर्ज पर जेसी मिल के 8 हजार श्रमिकों के हित में सरकार काम कर रही है.

    जेसी मिल श्रमिकों के बकाया निपटान के लिए CM का बड़ा ऐलान
    वहीं, मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने जेसी मिल श्रमिकों के बकाया निपटाने के लिए CM का बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि जल्द ही जेसी मिल के मजदूरों की बकाया देनदारी चुकाई जाएगी. सीएम ने कहा कि जल्द ही JC मिल की खाली जगह पर आईटी सेक्टर से जुड़ी कोई इकाई को स्थापित की जाएगी, जो JC मिल की 712 बीघा जमीन पर बनेगा.

    स्वतंत्रता पूर्व स्थापित देश के सबसे बड़े कपड़ा मिल पर लगा ताला
    गौरतलब है स्वतंत्रता पूर्व स्थापित जेसी मिल देश की सबसे बड़ी कॉटन कपड़ा मिल था, जो बिड़ला का था. उसका कॉटन न केवल देश में प्रसिद्ध था, बल्कि दुनिया भर में निर्यात भी होता था. आधुनिकीकरण के कारण छंटनी को लेकर यहां हुए बड़े श्रमिक आंदोलन के बाद कोर्ट ने नब्बे के दशक में जेसी मिल को अधिकारिक रूप से बंद करवा दिया था.

    जेसी मिल के दौर पर पहुंचे सीएम ने श्रमिकों के परिवार से मिलकर उनका हाल जाना. सीएम मोहन ने कहा कि वे मुकदमा नहीं, समाधान चाहते है इसलिए इंदौर के हुकम चंद मिल की तर्ज पर जेसी मिल के 8 हजार श्रमिकों के हित में सरकार काम कर रही है.
    वर्तमान में जिंदा बचे 6000 कर्मचारियों की 135 करोड़ की है देनदारी
    बताया जाता है जब मिल बन्द हुआ तब से मिल के 8037 कर्मचारी और श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान को लेकर कानूनी दांव पेंच चल रहे है. इस दौरान अनेक श्रमिक मर भी गए. अभी 6000 कर्मचारियों की 135 करोड़ की देनदारी है. और 500 से अधिक मजदूरों ने भुगतान के लिए कोर्ट में भी केस दायर किए हैं

    जबलपुर: हिंदू-मुस्लिम जोड़े की शादी पर लगी रोक, MP हाई कोर्ट ने इस वजह से बदला पुराना फैसला

    0

    मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हिंदू युवती (27) और मुस्लिम युवक (29) की स्पेशल मैरिज एक्ट (Special Marriage Act) के तहत होने वाली शादी पर रोक लगा दी है. पहले उन्हें सिंगल बेंच ने इसकी इजाजत दे दी थी. यह अधिनियम अंतर-धार्मिक विवाह से संबंधित है.

    कुछ समय पहले जस्टिस विशाल धगात की सिंगल बेंच ने हिंदू महिला से कहा था कि वे सरकार द्वारा संचालित शेल्टर में जाकर मुस्लिम युवक से अपनी शादी के बारे में विचार करे और उससे कहा था कि वह 12 नवंबर तक उससे बात ना करे, जिस दिन उनकी शादी होनी थी.

    दोनों ने जबलपुर में 7 अक्टूबर को जिला मिस्ट्रेट के कार्यालय में शादी के लिए आवेदन दिया था. युवती के परिवार को इसकी जानकारी तब मिली जब एडीएम ऑफिस की तरफ से उन्हें ‘नो ऑब्जेक्शन’ के लिए नोटिस दिया गया. स्पेशल मैरिज एक्ट के प्रावधानों के तहत परिवार की ओऱ से ‘नो ऑब्जेक्शन’ मिलना अनिवार्य है. हालांकि इसके बाद युवती के पिता ने बेटी के लापता होनी की शिकायत थाने में कराई. बताया जा रहा है कि हिंदू संगठनों द्वारा उन्हें धमकी भी मिली थी.

    कोर्ट ने युवती को सोचने का दिया था वक्त

    इसके बाद इस जोड़े ने जबलपुर हाई कोर्ट का रुख किया और पुलिस से संरक्षण की मांग की. उन्होंने बताया कि वे शादी करना चाहते हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि वे चार साल से रिश्ते में है और एक साल से लिव-इन में रह रहे हैं. सिंगल बेंच ने 22 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए युवती से कहा कि वह अपने फैसले पर विचार करे और दोनों को पुलिस का संरक्षण दिलाया.

    संदेह के आधार पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

    इसके बाद युवती के पिता ने आदेश को चुनौती दी और कहा कि उन्हें अपना पक्ष रखने का उचित मौका नहीं मिला. पिता के वकील ने कोर्ट में कहा कि युवक और युवती को जान का खतरा है, इस संबंध में कोई सबूत पेश नहीं किया गया है. संदेह होने पर हाई कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी. मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद होगी.

    वो अप्रवासी कांग्रेसी थे’, दीपक जोशी के BJP में शामिल होने पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का तंज

    0

    मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी के बीजेपी में शामिल होने पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, दीपक जोशी अप्रवासी कांग्रेसी थे और वे वापस बीजेपी में लौट गए. अब उन्हें कोई नेता कांग्रेस में लाने की कोशिश करेगा तो उसे भी कांग्रेस से बाहर कर दिया जाएगा. हाल ही में पूर्व मंत्री दीपक जोशी एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं.

    वहीं दीपक जोशी ने बीजेपी में दिए जाने वाले दायित्व को लेकर अभी चुप्पी साध रखी है. दूसरी तरफ पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने उन पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा, “दीपक जोशी के बीजेपी में जाने से कांग्रेस को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. वे अप्रवासी कांग्रेसी थे जो कि वापस लौट गए हैं.”

    दीपक जोशी को लूप लाइन में रखेगी बीजेपी- सज्जन वर्मा
    सज्जन वर्मा के मुताबिक, “अब यदि भविष्य में कोई कांग्रेस का नेता दीपक जोशी को कांग्रेस में लाने की कोशिश करेगा तो उसे भी कांग्रेस से बाहर कर दिया जाएगा. दीपक जोशी भले ही भारतीय जनता पार्टी में चले गए हो मगर उनकी विश्वसनीता को लेकर बीजेपी उन पर कभी भरोसा नहीं करेगी. इसी के चलते उन्हें बीजेपी में भी लूप लाइन में रखा जाएगा.”

    दरअसल, 2023 में कांग्रेस में जाने के बाद दीपक जोशी खातेगांव से विधानसभा चुनाव लड़े थे. बीजेपी उम्मीदवार से वह 12542 वोटों से चुनाव हार गए थे. इसके बाद से दीपक जोशी कांग्रेस में भी असहज महसूस कर रहे थे.
    मार्च 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले यह अटकलें तेज हुई थीं कि उनकी बीजेपी में वापसी होगी, लेकिन किसी वजह से टल गई थी. वहीं अब बीते गुरुवार को बुधनी विधानसभा क्षेत्र के नांदनेर में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली है.

    MP में बीजेपी-कांग्रेस के दिग्गजों पर “योगी इफेक्ट”, तीखी बयानबाजी जारी

    0

    मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों गर्म बयानों की आंधी चल रही है। दिवाली के दौरान इंदौर में पटाखों को लेकर हुए विवाद ने न सिर्फ सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित किया, बल्कि राजनीतिक बयानबाजी के एक नए दौर की शुरुआत भी की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव से लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी तक, सभी ने एक-दूसरे के खिलाफ तीखे बयान दिए हैं। इन बयानों को राजनीतिक विश्लेषक “योगी इफेक्ट” के तहत देख रहे हैं, क्योंकि इसके अंदाज में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छाप साफ नजर आ रही है।

    दिवाली के बाद पटाखों के विवाद पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “पटाखे फूटने दो, एक-एक आवाज दुश्मन के सीने में बंदूक की गोली की तरह लगेगी। हम किसी को डराते नहीं हैं, लेकिन हमें कोई डराए, यह भी हम मंजूर नहीं करेंगे। हिंदू कभी किसी को छेड़ते नहीं, लेकिन अगर हिंदुओं को कोई छेड़े तो हम उन्हें छोड़ेंगे नहीं।” मुख्यमंत्री का यह बयान विवादों का कारण बना और इसके बाद बीजेपी के अन्य नेता भी खुलकर सामने आए।

    कैलाश विजयवर्गीय का “योगी स्टाइल” बयान

    इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय जो भाजपा के वरिष्ठ नेता और इंदौर से विधायक हैं, ने भी बयान दिया। विजयवर्गीय ने कहा, “प्रशासन सक्रिय है, कार्रवाई करेगा और अगर सही चेहरा पहचाना नहीं गया, तो मैं भी देखूंगा इंदौर में कौन शांति फैला रहा है। मेरे हाथ लग गए तो उल्टा लटकाकर शहर में घुमाऊंगा। अगर हमें लगेगा कि हमें भी इनवॉल्व होना है, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।” विजयवर्गीय का यह बयान और भी तीखा था, जिसमें उन्होंने खुद को प्रशासन से भी आगे बता दिया।

    कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का जवाब

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस सब पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव के बयान को “छुटभैया नेता” की भाषा बता दिया। पटवारी ने कहा, “मुख्यमंत्री का बयान छुटभैया नेताओं की तरह है, जिसे सत्ताधारी नेता नहीं दे सकते। यह बयान प्रदेश के मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता।”

    जीतू पटवारी के बयान पर कैबिनेट मंत्री

    जीतू पटवारी के इस बयान के बाद बीजेपी की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रिया आई। मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने पटवारी के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा, “जीतू पटवारी माफी मांगे। यह बयान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    भारत का अमेरिका के साथ कारोबार 10 साल में 92% उछला, किस राष्ट्रपति के कार्यकाल में ज्यादा बढ़ा ट्रेड

    0

    भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंध काफी मजबूत हैं। इसका अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते 10 सालों में दोनों देशों के बीच आपसी कारोबार में 92 प्रतिशत की जोरदार उछाल दर्ज की गई है। इन दस सालों में अमेरिका में तीन अलग-अलग राष्ट्रपति हुए। इन तीनों का नाम है- बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन। जबकि भारत में प्रधानमंत्री के तौर पर बीते दस सालों से नरेन्द्र मोदी का सफर जारी है। इन दस सालों में दोनों देशों ने आपसी कारोबार में काफी इजाफा किया। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य और चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। सीएमआईई से उपलब्ध डेटा के हिसाब से पिछले 10 सालों में भारत का अमेरिका के साथ कुल व्यापार वित्त वर्ष 2014 में 61.5 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 92% बढ़कर 118.3 अरब डॉलर हो गया है। डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार पर सबकी निगाहें हैं। यह देखना दिलचस्प है कि उनके राष्ट्रपति पद के तहत द्विपक्षीय व्यापार कैसे बढ़ेगा।

    किस राष्ट्रपति के कार्यकाल में ज्यादा हुआ कारोबार

    बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान जनवरी 2017 से जनवरी 2021 तक अमेरिका को भारत का निर्यात चार सालों में 22 प्रतिशत बढ़ा। जबकि राष्ट्रपति जो बाइडेन शासन के तहत भारत का अमेरिका को निर्यात सिर्फ तीन सालों में 51 प्रतिशत बढ़ा। भारत का अमेरिका को निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में 77.53 अरब डॉलर पर स्थिर रहा, जो पिछले वर्ष के 78.40 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर से थोड़ा कम है। पिछले 10 वर्षों में, भारत का निर्यात वित्त वर्ष 24 में 98% बढ़कर 77.5 अरब डॉलर हो गया। यह वित्त वर्ष 14 में 39.1 अरब डॉलर था।अमेरिका इंजीनियरिंग उत्पादों, रसायनों और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित भारतीय वस्तुओं के लिए एक प्रमुख गंतव्य बना हुआ है।

    अमेरिका को किए निर्यात में शामिल वस्तुएं

    अगस्त 2024 में, भारत द्वारा अमेरिका को किए जाने वाले टॉप निर्यात में पर्ल, प्रीक्स, सेमीप्रिक्स स्टोन्स, पेट्रोलियम उत्पाद, ड्रग फॉर्मूलेशन, बायोलॉजिकल्स, टेलीकॉम इंस्ट्रूमेंट्स, और आरएमजी कॉटन इनक्ल एक्सेसरीज शामिल थे। अगस्त 2024 में संयुक्त राज्य अमेरिका से भारत द्वारा किए जाने वाले शीर्ष आयात में पेट्रोलियम क्रूड, पर्ल, प्रीक्स, सेमीप्रिक्स स्टोन्स, पेट्रोलियम उत्पाद, कोयला, कोक और ब्रिक्विट्स और इलेक्ट्रिक मशीनरी और उपकरण शामिल थे। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर संयुक्त राष्ट्र COMTRADE डेटाबेस के मुताबिक, 2023 के दौरान भारत का संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात 75.81 अरब अमेरिकी डॉलर था।

    300 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचेगा व्यापार

    आईबीईएफ के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 के दौरान भारत को 6.04 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल हुआ। कुल एफडीआई इक्विटी फ्लो के 9% के साथ, अमेरिका तीसरा सबसे बड़ा सोर्स है। बता दें, अप्रैल 2000 से सितंबर 2023 तक 62.24 अरब अमेरिकी डॉलर के संचयी एफडीआई प्रवाह के साथ, अमेरिका भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है। उद्योग निकाय पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-अमेरिका व्यापार 2026-27 में अपने वर्तमान व्यापार से बढ़कर 300 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

    भारत-अमेरिका के बीच 2022 में कारोबार

    संयुक्त राज्य अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के मुताबिक, साल 2022 में भारत के साथ अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार करीब 191.8 अरब डॉलर था। निर्यात 73.0 अरब डॉलर था। आयात 118.8 अरब डॉलर था। साल 2022 में भारत के साथ अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार घाटा 45.7 बिलियन डॉलर था। साल 2022 में भारत को अमेरिकी वस्तुओं का निर्यात 47.2 अरब डॉलर था, जो 2021 से 17.9 प्रतिशत ($7.2 अरब) और 2012 से 113 प्रतिशत अधिक था। 2022 में भारत से अमेरिकी वस्तुओं का आयात कुल $85.5 अरब था, जो 2021 से 16.7 प्रतिशत ($12.2 अरब) और 2012 से 111 प्रतिशत अधिक था। 2022 में भारत को अमेरिकी निर्यात कुल अमेरिकी निर्यात का 2.3 प्रतिशत है। 2022 में भारत के साथ अमेरिकी वस्तुओं का व्यापार घाटा 38.4 अरब डॉलर था, जो 2021 से 15.2 प्रतिशत ($5.1 अरब) अधिक है।

    कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले भारत बर्दाश्त नहीं करता’, सीएम मोहन यादव ने दिया बयान

    0

    कनाडा में हिंदू मंदिर और हिंदुओं पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भारत ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करता। इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि मैं कनाडा की इस घटना की कठोर शब्दों में निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि वहां खासकर देशद्रोही लोगों ने हिंदू समाज के बीच यह जहर घोलने का काम किया है। विदेशी शक्तियां भी इस काम में शामिल हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भारत के देशभक्त सिखों का मैं धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने आगे आकर कनाडा में हुई हिंदुओं पर हमले की आगे बढ़कर निंदा की। इस तरह की घटनाओं को पूरा देश बर्दाश्त नहीं करता।

    हाथियों के लिए बनाई जाएगी विशेष टीम

    वहीं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जंगलों में हाथियों के संरक्षण का इंतजाम करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि इनकी वजह से इंसानी आबादी को भी कोई नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि राज्य के जंगलों में पहले हाथी नहीं रहते थे। लेकिन समय के साथ मध्य प्रदेश की आबो-हवा उन्हें पसंद आ गई है। बांधवगढ़ से लेकर उमरिया तक के जंगलों में 100 से ज्यादा हाथी स्थायी रूप से रुक गए हैं। यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार राज्यों के साथ तालमेल बिठाकर हाथियों के संरक्षण के लिए काम करेगी। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय से सोमवार को चर्चा हुई है।

    मोहन यादव बोले- हिंदुओं को पटाखा फोड़ने से कौन रोक सकता है

    मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए असम, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में भेजेंगे, जहां हाथियों की आबादी काफी ज्यादा है। हम एक दल बनाने जा रहे हैं जो हाथियों से संबंधित विशेषज्ञता रखेंगे। इंदौर के छत्रीपुरा क्षेत्र में एक नवंबर को पाटाखा फोड़ने को लेकर हुए विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है और सभी को साथ लेकर चलने का और विकास करने का प्रयास करना चाहती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने हाथ में कानून लेने का प्रयास करेगा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर हिंदू समुदाय को पटाखे फोड़ने से कोई व्यक्ति कैसे रोक सकता है। अगर हिंदुओं को पटाखा फोड़ने से कोई रोकने का प्रयास करेगा तो यह बाद प्रदेश सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।

    गजब हो गया! सऊदी अरब में पहली बार पड़ी बर्फ, देखकर दंग रह गए लोग

    0

    सऊदी अरब से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। आम तौर पर अपने रेगिस्तान के लिए जाने जाने वाले सऊदी अरब के कुछ हिस्सों में इतिहास में पहली बार भारी बारिश और बर्फबारी देखी जा रही है। रिपोर्ट्स की मानें तो अल-जौफ क्षेत्र में हाल ही में भारी बर्फबारी हुई, जिससे देश में एक शीतकालीन वंडरलैंड का निर्माण हुआ, जो आमतौर पर अपनी शुष्क जलवायु के लिए जाना जाता है। यह अभूतपूर्व बर्फबारी क्षेत्र में शुरू हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि की श्रृंखला के बाद हुई।

    हैरान रह गए स्थानीय लोग

    बताया जा रहा है कि अल-जौफ इलाके के लोग जब सुबह उठे तो उन्होंने सफेद बर्फ का आश्चर्यजनक नजारा देखा। सऊदी प्रेस एजेंसी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यहां न केवल बर्फबारी हुई, बल्कि झरने भी बने, घाटियां फिर से पुनर्जीवित हो गईं और इलाके को जीवन से भर दिया। सर्दियों जैसा दिखने वाला यह नजारा एक बदलाव का प्रतीक है, क्योंकि देश सर्दियों में प्रवेश कर रहा है, जिससे खूबसूरत वसंत ऋतु का मार्ग प्रशस्त हो रहा है जिसके लिए अल-जौफ प्रसिद्ध है।

    आने वाले दिनों में खराब रहेगा मौसम

    हालांकि, सऊदी मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में लगातार खराब मौसम की चेतावनी जारी की है। अल-जौफ के लोग अधिकांश हिस्सों में तूफान की उम्मीद भी कर सकते हैं। पूर्वानुमान के अनुसार आगे भारी बारिश और ओलावृष्टि होने से विजिबिलिटी कम हो सकती है। इन तूफानों के साथ तेज हवाएं चलने की भी आशंका है, जिससे अधिकारियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

    पहली भी हो चुकी है इस तरह की घटना

    बता दें कि सऊदी अरब असामान्य मौसम पैटर्न का अनुभव करने वाला एकमात्र देश नहीं है। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी इसी तरह के मौसम में बदलाव से गुजर चुका है। 14 अक्टूबर को, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (NCM) ने कई क्षेत्रों में अनुमानित वर्षा, तूफान और ओलावृष्टि की संभावना के संबंध में अलर्ट जारी किया। यूएई के मौसम विभाग ने इन बदलावों के लिए अरब सागर से ओमान की ओर फैली कम दबाव प्रणालियों को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे पूरे क्षेत्र में मौसम की स्थिति प्रभावित हुई है।

    टैक्सपेयर का ब्याज अब माफ या कम कर सकते हैं अधिकारी, CBDT ने दी अनुमति, जानिए क्या है नियम

    0

    आयकर विभाग ने कर अधिकारियों को निर्दिष्ट शर्तों के अधीन करदाता के देय ब्याज को माफ करने या कम करने की अनुमति दे दी है। आयकर अधिनियम की धारा 220 (2ए) के तहत यदि कोई करदाता किसी मांग नोटिस में निर्दिष्ट कर राशि का भुगतान करने में विफल रहता है, तो उसे भुगतान करने में देरी की अवधि के लिए एक प्रतिशत प्रति माह की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा। यह अधिनियम प्रधान मुख्य आयुक्त (पीआरसीसीआईटी) या मुख्य आयुक्त (सीसीआईटी) या प्रधान आयुक्त (पीआरसीआईटी) या आयुक्त रैंक के अधिकारियों को देय ब्याज राशि को कम करने या माफ करने का अधिकार भी देता है।

    कितना ब्याज हो सकता है माफ

    केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने चार नवंबर को जारी एक परिपत्र के जरिये ब्याज की मौद्रिक सीमा निर्दिष्ट की है, जिसे कर अधिकारी माफ कर सकते हैं या कम कर सकते हैं। इसके अनुसार, पीआरसीआईटी रैंक का अधिकारी 1.5 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया ब्याज को कम करने या माफ करने का फैसला कर सकता है। 50 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये तक के बकाया ब्याज के लिए सीसीआईटी रैंक का अधिकारी छूट/कटौती का फैसला करेगा। जबकि पीआरसीआईटी या आयकर आयुक्त 50 लाख रुपये तक के बकाया ब्याज पर फैसला कर सकते हैं।

    तीन शर्तें पूरी करनी होंगी 

    वहीं, धारा 220(2ए) के तहत देय ब्याज में कटौती या छूट तीन निर्दिष्ट शर्तों के पूरा होने पर मिलेगी। ये शर्ते हैं, ऐसी राशि के भुगतान से करदाता को वास्तविक कठिनाई हुई है या होगी। ब्याज भुगतान में चूक करदाता के नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण हुई थी। करदाता ने कर निर्धारण से संबंधित जांच में या उससे देय किसी राशि की वसूली की कार्यवाही में सहयोग किया है। नांगिया एंड कंपनी एलएलपी साझेदार सचिन गर्ग ने कहा, ‘‘सीबीडीटी के इस कदम से धारा 220 के तहत ब्याज में छूट या कमी के लिए करदाता द्वारा किए गए आवेदनों का शीघ्र निपटान करने में मदद मिलने की उम्मीद है। यह ध्यान देने योग्य है कि अधिनियम की धारा 220 के तहत ब्याज में ऐसी कमी या छूट की मांग करने के लिए जिन निर्दिष्ट शर्तों को पूरा करना आवश्यक है, उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।’’ एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि इस कदम से ब्याज राहत देने में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा मिलेगा।

    दिल्ली में ‘जहरीली हवा’ का कहर जारी, छठ महापर्व पर यमुना के गंदे पानी में नहाने को मजबूर हुए लोग

    0

    राजधानी दिल्ली और नोएडा में मंगलवार को भी प्रदूषण की स्थिति खतरनाक ही रही। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) इस समय औसतन 385 तक पहुंच चुका है, जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। प्रदूषण की वजह से शहर के विभिन्न इलाकों में दृश्यता कम हो गई है और लोगों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर देखने को मिल रहा है। वहीं, छठ के मौके पर दिल्ली में यमुना नदी में भी प्रदूषण के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और इसमें 12-12 फुट ऊंचे झाग के गुब्बारे तैरते हुए दिखाई दे रहे हैं।

    खतरनाक स्तर पर पहुंचा हुआ है प्रदूषण

    दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण का स्तर अलग-अलग है, लेकिन सभी प्रमुख क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित है:

    आनंद विहार: 457
    अशोक विहार: 419
    अलीपुर: 393
    बवाना: 414
    बुराड़ी: 378
    मथुरा रोड: 366
    द्वारका: 403
    IGI एयरपोर्ट: 388
    जहांगीरपुरी: 440
    ITO: 344
    लोधी रोड: 319
    मुंडका: 415
    मंदिर मार्ग: 381
    ओखला: 388
    पटपड़गंज: 393
    पंजाबी बाग: 403
    आर के पुरम: 396
    रोहिणी: 397
    विवेक विहार: 422
    वज़ीरपुर: 437
    नजफगढ़: 398

    दिल्ली के अलावा, नोएडा का AQI भी 308 दर्ज किया गया है जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।

    यमुना नदी में प्रदूषण की गंभीर स्थिति

    यमुना नदी के बैराज में 12-12 फुट ऊंचे झाग के गुब्बारे तैर रहे हैं, जो नदी के बढ़ते प्रदूषण को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। नदी में उठने वाली इस झाग की वजह से आसपास के पर्यावरण और जलजीवों पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके अलावा महापर्व छठ को देखते हुए श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य पर भी इसका घातक असर पड़ सकता है। नदी का पानी काला हो चुका है, बदबू भी आ रही है लेकिन छठ महापर्व को देखते हुए लोग मजबूरी में इसी गंदे पानी में पूरे परिवार के साथ स्नान कर रहे हैं।

    प्रदूषण पर नियंत्रण के उपायों की जरूरत

    दिल्ली और नोएडा में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सरकारी एजेंसियों को जल्दी और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है, हालांकि सरकार द्वारा किए गए उपाय अभी तक नाकाफी ही साबित हुए हैं। दिल्ली में पिछले कुछ सालों से ठंड के मौसम में प्रदूषण की स्थिति घातक ही रहती आई है और इस साल भी कुछ खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है।

    नागरिकों से अपील

    दिल्ली और नोएडा के नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस समय बाहर निकलते वक्त मास्क का उपयोग करें और जितना संभव हो सके घर में ही रहें। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और श्वास संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को बाहर जाने से बचने की सलाह दी जा रही है। हालात की गंभीरता को देखते हुए सभी नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है कि प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर का मुकाबला सामूहिक प्रयासों से ही किया जा सकता है।