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    ‘गाजा पट्टी पर कब्जा करने का कोई इरादा नहीं’, इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने जारी किया बयान

    इजरायल पर हमास के हमले और उसके बाद इजरायली सेना के गाजा पट्टी पर जवाबी वार के तीन महीने पूरे हो गए हैं। इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पर कब्जे को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है। नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल का गाजा पर कब्जा बनाए रखने या नागरिकों को विस्थापित करने का कोई इरादा नहीं है।

    इजरायल पर हमास के हमले और उसके बाद इजरायली सेना के गाजा पट्टी पर जवाबी वार के तीन महीने पूरे हो गए हैं। इस बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पर कब्जे को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है। नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल का गाजा पर कब्जा बनाए रखने या नागरिकों को विस्थापित करने का “कोई इरादा नहीं है।” नेतन्याहू ने हेग में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में सुनवाई शुरू होने से एक दिन पहले बुधवार को यह टिप्पणी की है।

    समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका ने गाजा पट्टी में किए गए इस नरसंहार के लिए इजरायल के खिलाफ शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में एक मामला शुरू किया है। हालांकि, इजरायल ने इसको खारिज कर दिया। एक बयान में कहा गया है कि इजरायल गाजा में फलस्तीनी लोगों का नरसंहार करने में शामिल रहा है और वर्तमान में भी कर रहा है।

    ‘हमास को निशाना बनाना हमारा लक्ष्य’

    इजरायली पीएम ने कहा, “मैं कुछ बातें बिल्कुल स्पष्ट करना चाहता हूं – इजरायल का गाजा पर स्थायी रूप से कब्जा करने या इसकी नागरिक आबादी को विस्थापित करने का कोई इरादा नहीं है। गाजा का लक्ष्य हमास उग्रवादियों को निशाना बनाना है, फलस्तीनी आबादी को नहीं।”

    उन्होंने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्ण अनुपालन में ऐसा कर रहे हैं। इजरायली सेना नागरिक हताहतों की संख्या को कम करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रही है, जबकि हमास फलस्तीनी मौतों की संख्या को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।”

    नागरिकों को मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रहा हमास

    नेतन्याहू ने कहा कि फलस्तीनी नागरिक मानव ढाल के रूप में हैं। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य गाजा को हमास के आतंकवादियों से मुक्त कराना और हमारे बंधकों को मुक्त कराना है।” उल्लेखनीय है कि पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर अचानक से हमला कर दिया था। जिसमें 790 नागरिकों सहित इजरायल में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे।

    शुरुआती हमले में हमास के सैकड़ों लड़ाकों और गाजा के लोगों ने दक्षिणी समुदायों पर धावा बोल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। हमास ने 253 लोगों को बंधक बना लिया, जबकि 132 लोग अभी भी गाजा में हैं। इस बीच, हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जारी इजरायली आक्रमण से फलस्तीनी मरने वालों की संख्या 23,357 हो गई है। वहीं, गाजा की 2.3 मिलियन आबादी में से लगभग 1.9 मिलियन लोग विस्थापित हो गए हैं।

     

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