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    सुरक्षाकर्मी ने CPR देकर बचाई विधायक की जान, सीएम ने दी शाबाशी; प्रमोशन के साथ 50 हजार का मिलेगा इनाम

    मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने राऊ विधायक मधु वर्मा के पीएसओ को पुरस्कार देने की बात कही है। दरअसल, पीएसओ ने सीपीआर देकर विधायक की जान बचाई थी। सीएम मोहन यादव ने पीएसओ अरुण सिंह भदौरिया को 50 हजार रुपये का पुरस्कार और आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने की बात कही है।
    इंदौर: हाल ही में जिले की राऊ विधानसभा सीट से विधायक मधु वर्मा अचानक बेहोश होकर गिर पड़े थे। इस दौरान उनके पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर अरुण सिंह भदौरिया ने उन्हें सीपीआर देकर उनकी जान बचाई थी। फिलहाल राऊ विधायक मधु वर्मा इस समय अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं मध्य प्रदेश के सीएम मोहन लाल यादव विधायक मधु वर्मा का हाल जानने अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने विधायक मधु वर्मा का हाल जाना। इसी दौरान इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने मधु वर्मा के पीएसओ अरुण सिंह भदौरिया के बारे में सीएम को जानकारी दी। इसके बाद सीएम ने मधु वर्मा से पीएसओ से भी मुलाकात की और उन्हें 50 हजार का पुरस्कार और आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने की बात कही।
    पीएसओ ने दिया था सीपीआर
    दरअसल, 24 सितंबर की सुबह विधायक मधु वर्मा अपने घर में स्थानीय लोगों से उनकी समस्या सुन रहे थे। इसी दौरान अचानक वह बेहोश होकर गिर पड़े। मौके पर मौजूद उनके पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर अरुण सिंह भदौरिया और पर्सनल असिस्टेंट समेत तमाम लोग उन्हें लेकर अस्पताल रवाना हुए। इस दौरान उनके पीएसओ अरुण सिंह भदोरिया उन्हें लगातार सीपीआर देते रहे। बाद में विधायक मधु वर्मा को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। अस्पताल में डॉक्टरों की जांच से पता लगा कि विधायक की हार्ट में ब्लॉकेज है। इस दौरान उनकी एंजियोप्लास्टी हुई। फिलहाल विधायक की हालत अब पहले से बेहतर है।

    सीएम मोहन यादव ने की मुलाकात
    वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उनसे मिलने गए अस्पताल पहुंचे। यहां सीएम मोहन यादव ने विधायक मधु वर्मा का हाल जाना। इसी दौरान इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने मुख्यमंत्री को सीपीआर की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने विधायक मधु वर्मा के पीएसओ अरुण सिंह भदौरिया से भी मुलाकात की। सीएम ने पीएसओ को 50 हजार रुपये का पुरस्कार देने के साथ आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने की भी बात कही। अरुण सिंह भदोरिया के मुताबिक उन्हें ट्रेनिंग के दौरान सीपीआर देने की टेक्निक सिखाई गई थी, जो अब काम आई।

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